Bikaner News : बीकानेर में RTI एक्टिविस्ट को धमकाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने पर एक कारोबारी ने खुलेआम धमकी दी। जानिए पूरा मामला और क्या उठाए गए कदम।
बीकानेर: भ्रष्टाचार उजागर करते ही RTI कार्यकर्ता को धमकी, ऑटो मोबाइल कारोबारी पर लगा आरोप
बीकानेर में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में RTI कार्यकर्ता को धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक ऑटो मोबाइल कारोबारी ने भ्रष्टाचार की शिकायत से नाराज़ होकर एक आरटीआई एक्टिविस्ट को फोन पर धमकी दी है। इस पूरे प्रकरण ने जिले में खलबली मचा दी है।
जानकारी के अनुसार, अखिल भारतीय अपराध सुधार संगठन के सदस्य रविन्द्र कुमार सारस्वत ने इस मामले में बीकानेर कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि वह बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) और अन्य विभागों में भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों को उजागर कर रहे हैं। इसी को लेकर उन्हें धमकियां मिल रही हैं।
Bikaner News : क्या है पूरा मामला?
बीकानेर की अमर कॉलोनी में दो भूखंडों पर बिना अनुमति के एकीकरण (consolidation) कर दिया गया। साथ ही, सेटबैक की जमीन पर अवैध रूप से लिफ्ट लगाई गई। इस मामले को लेकर भूखंड मालिक राजेन्द्र गुप्ता के खिलाफ बीकानेर विकास प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
रविन्द्र सारस्वत के अनुसार, जैसे ही उन्होंने यह मामला उजागर किया, उन्हें भूखंड मालिक राजेन्द्र गुस्सा द्वारा कॉल पर धमकी दी गई। उन्होंने बताया कि इस धमकी की रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद है और इसे संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया है।
क्या कहा गया ज्ञापन में?
ज्ञापन में मांग की गई है कि भूखंड मालिक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और उसे जल्द से जल्द पाबंद किया जाए, ताकि RTI कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को संरक्षण मिल सके।
RTI कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर RTI कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन न सिर्फ इस मामले में सख्त कार्रवाई करे, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
निष्कर्ष:
बीकानेर में RTI कार्यकर्ता को धमकी दिया जाना एक गंभीर मामला है। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था और पारदर्शिता के खिलाफ सीधी चुनौती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर कितना सख्त रुख अपनाता है।