Delhi Bus Incident : दिल्ली में फिर निर्भया जैसी दरिंदगी 7 km युवक को दी यातनाएँ बाद में चलती बस से फेंक दिया बाहर… यहाँ जाने पूरा मामला

Delhi Bus Incident

नई दिल्ली: दिल्ली में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जो 2012 के निर्भया कांड की याद दिलाती है। एक 22 वर्षीय युवक को चलती बस में हैवानियत का शिकार बनाया गया, बेरहमी से पीटा गया और फिर 7 किलोमीटर तक यातना देने के बाद Bus से सड़क पर फेंक दिया गया…पूरा मामला जानने के लिए पूरा पढ़े.

कैसे हुई Bus में दरिंदगी?

यह घटना 1 फरवरी को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के बवाना इलाके में हुई। मृतक, जो नरेला का रहने वाला था, शादी समारोह में रसोइया का काम करता था। घटना की रात वह और उसका दोस्त सुल्तानपुर डबास से बस में सवार हुए थे।

बस में पहले से ही ड्राइवर आशीष उर्फ आशु और उसके दो साथी मौजूद थे। सफर के दौरान गलती से युवक से खाना गिर गया, जिससे बस ड्राइवर भड़क उठा। उसने पहले युवक के दोस्त को बवाना चौक पर उतार दिया और फिर युवक को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।

7 किलोमीटर तक यातना, फिर Bus से फेंका बाहर

बस के अंदर आरोपी हैवानियत पर उतर आए। ड्राइवर आशीष ने लोहे की रॉड से युवक को पीटना शुरू कर दिया। उसने अपने साथी को बस चलाने को कहा और खुद लगातार 15 मिनट तक युवक को मारता रहा। जब पीड़ित बेहोश हो गया, तो उसे बवाना फ्लाईओवर के पास सड़क पर फेंक दिया गया।

कैसे खुला पूरा राज?

2 फरवरी को पुलिस को सड़क पर एक अचेत युवक के पड़े होने की सूचना मिली। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसी दौरान पुलिस को मृतक के भाई द्वारा दर्ज कराई गई गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली, जिससे पता चला कि मृतक वही युवक था जिसे चलती बस से फेंका गया था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ बहुत बड़ा खुलासा

डॉक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार, युवक के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे, खासकर गुप्तांगों पर, जिससे साफ था कि उसके साथ बर्बरता की गई थी।

पुलिस कार्रवाई: एक गिरफ्तार, दो अभी-भी फरार

पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों में से सुशांत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन बस ड्राइवर आशीष उर्फ आशु और एक अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।

दिल्ली में आख़िर क्यों बेखौफ हैं अपराधी?

इस घटना ने दिल्ली में बढ़ते अपराधों और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कब तक दिल्ली में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं होती रहेंगी? क्या कानून का डर खत्म हो गया है?

👉 आप इस मामले में क्या सोचते हैं? हमें अपनी राय जरूर दें।

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