Viral Elephant Video : मंदिर उत्सव में हाथियों का भयंकर तांडव!, भगदड़ में 3 श्रद्धालुओं की मौत, 36 घायल – अब विडियो वायरल!… देखे विडियो और जाने पूरा मामला

Viral Elephant Video

Viral Elephant News : केरल के कोझिकोड जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक मंदिर उत्सव के दौरान हाथियों के बेकाबू होने से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और 36 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें हाथियों को बेकाबू होते और श्रद्धालुओं को इधर-उधर भागते देखा जा सकता है।

कहाँ हुई दर्दनाक घटना?

यह भयावह घटना कोझिकोड जिले के कोइलांडी स्थित मनक्कुलंगरा भगवती मंदिर में गुरुवार शाम को हुई। मंदिर उत्सव के दौरान जैसे ही आतिशबाजी हुई, वहां खड़े दो Elephant अचानक बेकाबू हो गए और एक-दूसरे पर हमला करने लगे। इस दौरान श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई।

कैसे हुई घटना?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतिशबाजी की आवाज से एक हाथी अचानक गुस्से में आ गया और उसने पास खड़े दूसरे हाथी पर हमला कर दिया। इसके बाद दोनों Elephant बेकाबू हो गए और मंदिर परिसर में जमकर उत्पात मचाने लगे।

  • हाथियों ने मंदिर कार्यालय भवन का एक हिस्सा तोड़ दिया।
  • वहां रखे सामान को तहस-नहस कर दिया।
  • श्रद्धालु जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
  • भगदड़ में लीला राजन और अम्मूकुट्टी नाम की दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई।
  • करीब 36 लोग घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

Video हुआ सोशल मीडिया पर वायरल

इस खौफनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। @HateDetectors नाम के X (Twitter) हैंडल से इसे शेयर किया गया, जिसमें हाथियों को बेकाबू होते देखा जा सकता है। वीडियो में कुछ लोग Elephant को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं।

घायलों का इलाज अभी जारी

इस भगदड़ में घायल हुए 36 लोगों को नज़दीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिनका इलाज ICU में किया जा रहा है।

मामले की जांच हुई शुरू

इस दर्दनाक घटना के बाद प्रशासन और वन विभाग हरकत में आ गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि—

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
  • उत्तरी क्षेत्र के कलेक्टर और मुख्य वन संरक्षक इस पर रिपोर्ट सौंपेंगे।
  • यह जांच की जाएगी कि क्या स्थानीय हाथी प्रबंधन नियमों का उल्लंघन किया गया था?
  • कई श्रद्धालुओं ने दावा किया कि हाथियों की परेड के दौरान तय दूरी का पालन नहीं किया गया।

क्या आयोजकों पर होगी कार्रवाई?

पुलिस ने बताया कि मंदिर प्रबंधन ने उत्सव के दौरान Elephant की परेड के लिए पहले से अनुमति मांगी थी। अब इस बात की जांच की जा रही है कि क्या आयोजकों ने सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया था? अगर ऐसा हुआ है, तो मंदिर प्रशासन और उत्सव आयोजकों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

क्या हाथी उत्सवों पर लगेगा बैन?

केरल में मंदिर उत्सवों के दौरान Elephant की परेड एक परंपरा रही है। हालांकि, इस तरह की घटनाएं बार-बार होने के कारण अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या ऐसे उत्सवों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए?

निष्कर्ष :

इस घटना ने धार्मिक आयोजनों में हाथियों के उपयोग को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है। केरल सहित कई राज्यों में मंदिर उत्सवों के दौरान Elephant की परेड एक परंपरा रही है, लेकिन बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या सुरक्षा मानकों का सही से पालन किया जाता है। इस हादसे में तीन निर्दोष श्रद्धालुओं की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हुए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मंदिर प्रशासन और आयोजकों को इस तरह के कार्यक्रमों में सुरक्षा उपायों को और कड़ा करना होगा।

प्रशासन की जांच यह तय करेगी कि क्या हाथी प्रबंधन नियमों का उल्लंघन किया गया था और आयोजकों ने तय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किया था या नहीं। यदि लापरवाही साबित होती है, तो यह जिम्मेदार अधिकारियों और आयोजनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मामला बन सकता है।

इसके अलावा, यह भी विचार करने की जरूरत है कि क्या धार्मिक आयोजनों में Elephant का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। कई पशु अधिकार संगठन पहले से ही ऐसे आयोजनों में जानवरों के इस्तेमाल को अमानवीय करार दे चुके हैं। अगर भविष्य में ऐसे हादसों को रोकना है, तो या तो सख्त नियम लागू करने होंगे या फिर हाथियों को इस तरह के आयोजनों से पूरी तरह हटा देना होगा।

अंततः, यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं बल्कि एक चेतावनी है कि अगर जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में इससे भी बड़े हादसे हो सकते हैं। प्रशासन, मंदिर प्रबंधन और आम जनता को मिलकर इस विषय पर गंभीरता से विचार करना होगा ताकि धार्मिक आस्थाओं और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखा जा सके।

आपका इस घटना पर क्या कहना है? क्या मंदिरों में Elephant की परेड बंद कर देनी चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!

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