Rajasthan Land Lease Policy 2025 : राजस्थान में ज़मीन के पट्टों पर सबसे बड़ा बदलाव! अब मिलेगा बड़ा प्लॉट और ऊंची इमारत की मंजूरी – जानिए जल्दी नए नियम

Rajasthan Land Lease Policy 2025 : अगर आप राजस्थान में ज़मीन खरीदने या घर बनाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। राजस्थान सरकार ने अब ज़मीन के पट्टे से जुड़े नियमों में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव किया है। इस नए आदेश के लागू होने के बाद अब राज्य के शहरों में ज़मीन लेना और बहुमंज़िला इमारतें बनाना पहले से काफी आसान हो गया है।

स्वायत्त शासन मंत्री की ओर से जारी किए गए इस आदेश में राज्य के नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण (UIT) और नगर विकास न्यास (UDA) को ज़्यादा अधिकार और छूट दी गई है।

Rajasthan : क्या है नया आदेश?

राजस्थान सरकार द्वारा किए गए संशोधन से अब निम्नलिखित सुविधाएं मिलेंगी:

  • अब नगर निकाय पहले से बड़े भूखंडों पर पट्टे जारी कर सकेंगे
  • ऊंची इमारतों के लिए भी मंजूरी मिलना आसान हो गया है
  • भूमि का उपविभाजन (sub-division) और पुनर्गठन (restructuring) की प्रक्रिया को भी मंजूरी दी गई है

इस बदलाव से रियल एस्टेट, हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और शहरी विकास को एक नई दिशा मिलेगी।

1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए क्या नियम हैं?

अब राजस्थान के बड़े शहरों में – जैसे जयपुर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर आदि – जिनकी आबादी एक लाख से ज्यादा है, वहां निम्न नियम लागू होंगे:

  • 10,000 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंडों के पट्टे जारी किए जा सकेंगे
  • 5,000 वर्गमीटर तक के गैर-आवासीय भूखंडों पर भी अनुमति मिलेगी
  • 40 मीटर तक ऊंची इमारतें बनाने की स्वीकृति भी दी जाएगी

इन नियमों के तहत अब बड़े अपार्टमेंट, सोसायटी, और कॉमर्शियल बिल्डिंग्स बनाना आसान हो जाएगा।

UIT और नगर विकास न्यास के लिए क्या नियम तय किए गए हैं?

अब Urban Improvement Trust (UIT) और Urban Development Authorities (UDA) के पास भी ज्यादा अधिकार होंगे:

  • 25,000 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंडों पर पट्टे जारी करने की अनुमति
  • 10,000 वर्गमीटर तक के गैर-आवासीय भूखंडों के पट्टे की स्वीकृति
  • 60 मीटर ऊंची इमारतों को मंजूरी दी जाएगी

इसका मतलब ये है कि अब UIT और UDA के दायरे में आने वाले शहरों में बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलने में कोई बाधा नहीं आएगी।

नगर पालिका क्षेत्रों में क्या नियम लागू होंगे?

छोटे शहरों और कस्बों, जो नगर पालिका क्षेत्र में आते हैं, वहां भी नियम तय किए गए हैं लेकिन कुछ शर्तों के साथ:

  • 5,000 वर्गमीटर से बड़े आवासीय भूखंडों पर पट्टा सरकार की स्वीकृति के बाद ही जारी किया जा सकेगा
  • 2,500 वर्गमीटर से बड़े गैर-आवासीय भूखंडों के लिए भी सरकारी मंजूरी अनिवार्य
  • 30 मीटर तक ऊंची इमारतों की अनुमति होगी

इससे छोटे शहरों में भी योजनाबद्ध और आधुनिक शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।

क्या होगा इन बदलावों का असर?

इन नियमों के बदलाव से कई क्षेत्रों में बड़ा असर देखने को मिलेगा:

  • रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट में तेजी आएगी
  • आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ सकेंगी
  • निवेशकों और आम जनता को ज़मीन के बड़े प्लॉट खरीदने का अवसर मिलेगा
  • छोटे शहरों में भी मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स और आधुनिक सुविधाएं संभव हो सकेंगी

क्या अब पट्टा लेना आसान हो गया है?

हां, नए आदेश के अनुसार अब बड़े भूखंडों पर भी पट्टे मिलने में जटिलता कम होगी। पहले जहां सीमित क्षेत्रफल पर ही पट्टे मिलते थे, अब कई गुणा बड़े क्षेत्रफल की भूमि पर भी मंजूरी मिल सकेगी।

सरकार आने वाले समय में ऑनलाइन सिस्टम को और मजबूत करने की तैयारी में है ताकि आवेदन प्रक्रिया पारदर्शी और तेज़ हो सके।

किसे होगा सबसे ज़्यादा फायदा?

इन नियमों से फायदा उन सभी को होगा जो:

  • अपना घर बनाने की योजना बना रहे हैं
  • प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहते हैं
  • कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं या नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च करना चाहते हैं
  • शहरों में खुद का कॉमर्शियल स्पेस या फ्लैट बनाना चाहते हैं

अब बिना ज़्यादा सरकारी बाधाओं के, बड़ी परियोजनाएं आगे बढ़ सकेंगी।

निष्कर्ष: राजस्थान में ज़मीन के पट्टों का नया युग शुरू

राजस्थान सरकार का यह फैसला न केवल शहरी विकास को गति देगा बल्कि लोगों को बेहतर रहने और काम करने की जगहें भी उपलब्ध कराएगा। अब ज़मीन लेने वालों को मिलेगा बड़ा भूखंड, कम अड़चन और ऊंची इमारत की मंजूरी — यानी अब सपना होगा और भी बड़ा और सच्चा।

अगर आप भी राजस्थान में ज़मीन या घर लेने की सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए सबसे बेहतरीन है।