Rajasthan : राजस्थान की अफसरशाही एक बार फिर सवालों के घेरे में है। राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 के बहुचर्चित पेपर लीक केस में आज एक चौंकाने वाली गिरफ़्तारी हुई है। इस बार SOG ने किसी छोटे-मोटे आरोपी को नहीं, बल्कि एक मौजूदा RAS अफसर और फतेहगढ़ के SDM हनुमानाराम को धर दबोचा है। एक ऐसा अधिकारी, जिसने खुद RAS परीक्षा 2021 में 22वीं रैंक हासिल की थी, अब वही अफसर फर्जीवाड़े में डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार हुआ है। आइए जानते हैं हनुमानाराम की पूरी कुंडली और कैसे उसने थानेदार बनने की चाहत में अफसरशाही की गरिमा को दांव पर लगा दिया।
Rajasthan : क्या है पूरा मामला?
राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) लंबे समय से SI पेपर लीक मामले की जांच कर रही है। इसी कड़ी में खुलासा हुआ कि बाड़मेर के बिसारणिया गांव निवासी हनुमानराम, जो कि वर्तमान में जैसलमेर के फतेहगढ़ में SDM पद पर तैनात थे, ने नरपतराम नामक युवक की जगह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी। यह एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा था, जिसमें बड़ी रकम का लेनदेन भी हुआ था।
कैसे खुली पोल?
SOG को इस पूरे रैकेट की भनक तब लगी जब हाल ही में इंद्रा नाम की महिला को गिरफ्तार किया गया, जो खुद भी हरखू जाट नामक प्लाटून कमांडर की जगह डमी बनकर परीक्षा दे चुकी थी। इस पूरे खेल का कोर्डिनेशन इंद्रा के पति नरपत ने किया था। जब SOG ने नरपत और इंद्रा को दबोचा, तब पूछताछ में यह बड़ा खुलासा हुआ कि हनुमानराम ने भी SI परीक्षा में डमी बनकर हिस्सा लिया था।
कौन हैं हनुमानाराम?
हनुमानराम का जन्म 1994 में हुआ था। उन्होंने साल 2021 में RAS परीक्षा में 22वीं रैंक हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने जयपुर स्थित हरिशचंद्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में ट्रेनिंग ली।
उनकी पोस्टिंग इस प्रकार हुई:
- 27 जून 2022: सहायक कलेक्टर, नागौर
- 5 अगस्त 2023: SDM, चितलवाना
- 6 सितंबर 2024: SDM, बागौड़ा
- 23 सितंबर 2024: SDM, शिव
- 31 जनवरी 2025: SDM, फतेहगढ़
हाल ही में 19 फरवरी 2024 को उनकी शादी भीनमाल निवासी संगीता चौधरी से हुई थी। उनके परिवार में पिता कौशलाराम, माता पेम्पो देवी, दो भाई और छह बहनें हैं। उनके पिता और भाई आज भी गांव में खेती करते हैं।
संघर्ष से सत्ता तक का सफर
हनुमानराम ने 2016 में भाटिया आश्रम सूरतगढ़ में रहकर RAS की तैयारी शुरू की थी। पहली बार 2016 में परीक्षा दी, लेकिन असफल रहे। 2018 में उन्हें सांख्यिकी विभाग में संगणक के पद पर नौकरी मिली। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2021 में RAS बन गए।
लेकिन इतनी मेहनत के बाद भी उन्होंने कानून का उल्लंघन किया और अफसरशाही को शर्मसार कर दिया।
बड़ी रकम का लेनदेन
सूत्रों के मुताबिक, हनुमानराम ने SI परीक्षा में डमी कैंडिडेट बनने के लिए बड़ी रकम ली थी। ये सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है, जहां अफसर भी लालच के जाल में फंस जाते हैं।
क्या होगी सजा?
SOG की गिरफ्त में आने के बाद हनुमानराम पर धोखाधड़ी, सरकारी परीक्षा में फर्जीवाड़ा, और आपराधिक षड्यंत्र जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है। यदि इन आरोपों में दोष सिद्ध होता है, तो उन्हें न केवल नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है, बल्कि जेल भी जाना पड़ सकता है।
सरकारी भर्ती प्रक्रिया पर बड़ा सवाल
हनुमानराम की गिरफ्तारी ने एक बार फिर राजस्थान की सरकारी भर्तियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर युवा सालों की मेहनत से परीक्षा पास करने की कोशिश करते हैं, वहीं दूसरी ओर अफसर स्तर के लोग पैसे लेकर डमी बन जाते हैं। ऐसे में युवाओं का विश्वास सिस्टम से उठना स्वाभाविक है।
क्या Loan लेकर की थी डील?
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस पूरे फर्जीवाड़े के पीछे loan या उधारी के दबाव की भी भूमिका हो सकती है। यह एंगल भी जांच में सामने आया है कि हनुमानराम पर पहले से कुछ आर्थिक दवाब थे, जिसके कारण उन्होंने इस जोखिम भरे सौदे को स्वीकार किया। यदि यह सच साबित होता है, तो यह साबित करेगा कि अफसर भी कभी-कभी कर्ज के बोझ तले कानून तोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।
क्या RAS की गरिमा बच पाएगी?
यह सवाल अब राजस्थान के हर नागरिक के मन में है। जब एक SDM स्तर का अफसर परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर सकता है, तो फिर आम जनता क्या उम्मीद करे?
निष्कर्ष:
हनुमानराम की यह कहानी एक चेतावनी है उन सभी के लिए जो सिस्टम का हिस्सा बनते ही खुद को कानून से ऊपर समझने लगते हैं। SOG की सख्ती और जांच से एक बात तो साफ है – चाहे आप कितने भी ऊंचे पद पर हों, यदि आपने कानून तोड़ा है, तो कार्रवाई तय है।