Food Security Scheme Rajasthan : राजस्थान में राशन घोटाले का खुलासा! बिना KYC करोड़ों किलो गेहूं ले रहे लाखों लोग, सरकार अब करेगी सख्त कार्रवाई

Food Security Scheme Rajasthan News: राजस्थान में मुफ्त गेहूं वितरण योजना के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत सरकार हर महीने करोड़ों लोगों को मुफ्त गेहूं देती है, लेकिन अब पता चला है कि लाखों लोग बिना आधार सीडिंग और ई-केवाईसी के ही इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। सरकार की हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि करीब 29 लाख लोग बिना ई-केवाईसी के हर महीने करीब 1.16 करोड़ किलो गेहूं मुफ्त में ले रहे हैं, जो नियमों का खुला उल्लंघन है।

31 मार्च तक कराना था आधार लिंक व ई-केवाईसी, लाखों ने नहीं किया पालन

राज्य सरकार ने 31 मार्च तक सभी लाभार्थियों से आधार सीडिंग और ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद 29,02,308 लाभार्थी ऐसे हैं जिन्होंने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की। अब सरकार की ओर से इनके नाम राशन योजना से हटाने की कार्रवाई शुरू की जा रही है।

हर महीने हो रहा 1.16 करोड़ किलो गेहूं का फर्जी वितरण!

जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति को योजना के तहत हर महीने औसतन 4 किलो गेहूं मिलता है। ऐसे में 29 लाख से ज्यादा लोगों द्वारा हर महीने लिए जा रहे गेहूं की मात्रा लगभग 1.16 करोड़ किलो बैठती है। यह सरकारी व्यवस्था में एक बहुत बड़ी चूक और घोटाले की ओर इशारा करता है।

किन्हें मिलेगी छूट?

हालांकि इस कार्रवाई से कुछ लोगों को राहत दी गई है। जिन लाभार्थियों की उम्र 10 साल से कम या 70 साल से अधिक है, उन्हें इस सूची से बाहर रखा गया है। इन वर्गों को फिलहाल राहत प्रदान की गई है, लेकिन बाकी सभी को केवाईसी करवाना अनिवार्य होगा।

‘गिव अप अभियान’ से कटे 16 लाख नाम, पात्रों को जोड़ा गया

सरकार ने पिछले साल नवंबर में ‘गिव अप अभियान’ शुरू किया था, जो अब 30 अप्रैल 2025 तक चलेगा। इसके तहत सक्षम लोगों से स्वेच्छा से योजना से नाम हटाने की अपील की गई थी। अभियान के तहत अब तक 16 लाख से ज्यादा लोगों ने खुद को योजना से बाहर कर लिया है। वहीं खाली हुई जगह पर 16 लाख नए पात्र लोगों को जोड़ा गया है, ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को लाभ मिल सके।

अब कलेक्टर भी हटा सकते हैं नाम

योजना की निगरानी अब ज्यादा सख्त कर दी गई है। सरकार ने कलेक्टरों को भी यह अधिकार दे दिया है कि वे अपात्र लोगों के नाम योजना से हटा सकें या नए पात्र लोगों को जोड़ सकें। अब नाम हटाने और जोड़ने की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी की जा रही है।

अपात्र लोगों से वसूली होगी 27 रुपये किलो के हिसाब से

यदि 30 अप्रैल तक कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपना नाम योजना से नहीं हटाता और अपात्र होते हुए भी गेहूं उठाता है, तो उससे प्रति किलो 27 रुपये की दर से ब्याज सहित वसूली की जाएगी। साथ ही यदि किसी ने केवाईसी नहीं करवाई है तो उनका नाम स्वतः योजना से हटा दिया जाएगा।

राजस्थान में राशन डीलर्स की भूमिका पर भी उठे सवाल

राज्य में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत कुल 26,000 राशन डीलर्स काम कर रहे हैं। अब इनकी भूमिका भी सवालों के घेरे में है क्योंकि बिना ई-केवाईसी के लाभार्थियों को गेहूं देना सीधे तौर पर नियमों की अनदेखी है। सरकार द्वारा इन डीलर्स की कार्यप्रणाली की भी जांच शुरू की जा सकती है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के आंकड़े

  • कुल यूनिट: 4.46 करोड़
  • वर्तमान लाभार्थी: 1.07 करोड़ परिवार
  • कुल सदस्य: 4.36 करोड़ लोग
  • बिना केवाईसी लाभार्थी: 29 लाख+
  • हर महीने का फर्जी गेहूं वितरण: 1.16 करोड़ किलो

राशन योजना में नाम कैसे हटवाएं या जुड़वाएं?

अगर आप स्वयं इस योजना में अपात्र हैं और नाम हटवाना चाहते हैं, तो आप विभागीय वेबसाइट या संबंधित फेयर प्राइस शॉप डीलर के माध्यम से अनुरोध कर सकते हैं। पात्र होने पर नया नाम जोड़वाने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होगी।

निष्कर्ष: फ्री राशन नहीं, अब जवाबदेही जरूरी

राजस्थान सरकार का यह कदम सही दिशा में एक बड़ी पहल है। जो लोग जरूरतमंद नहीं हैं, उन्हें इस योजना से बाहर किया जाना चाहिए, ताकि असल जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ मिल सके। सरकार की इस पहल से राशन घोटालों पर लगाम लगने की उम्मीद है और पारदर्शिता बढ़ेगी।