Toll Tax Hike Rajasthan 2025 : अगर आप राजस्थान में नेशनल हाईवे का इस्तेमाल करते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 1 अप्रैल 2025 से नेशनल हाईवे पर वाहन चलाना महंगा हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा राज्य में टोल टैक्स की दरों में भारी इज़ाफ़ा किया गया है। यह बढ़ोतरी पूरे राजस्थान में लागू होगी और इसका असर सभी प्रकार के वाहनों पर पड़ेगा। टोल टैक्स की नई दरें 0.5% से लेकर 10% तक बढ़ाई गई हैं, जो आपके सफर को और महंगा बना देंगी।
11,000 किमी से ज्यादा लंबा नेटवर्क और 140 टोल प्लाजा
राजस्थान से होकर गुजरने वाले 11,000 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाले नेशनल हाईवे नेटवर्क पर कुल 140 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 100 से अधिक पर टोल टैक्स की दरों में संशोधन किया गया है।
जयपुर-किशनगढ़ हाईवे: 10% तक टोल में बढ़ोतरी
जयपुर से किशनगढ़ तक छह लेन के हाईवे पर चलने वाले वाहन चालकों को अब 10 से 95 रुपये तक ज्यादा टोल देना पड़ेगा। इस रूट पर सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है। अधिकारियों के अनुसार, इस रूट पर नए ब्रिज और अन्य संरचनात्मक विकास के कारण टोल दरों में अधिक बढ़ोतरी की गई है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: सीधा असर जेब पर
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भी टोल टैक्स में बढ़ोतरी की गई है। दौसा से सोहना तक सफर करने वाले कार चालकों को अब 430 रुपये की जगह 445 रुपये चुकाने होंगे।
- नई टोल दरें:
- कार चालकों के लिए ₹15 तक की बढ़ोतरी
- भारी वाहनों के लिए ₹100 तक की बढ़ोतरी
जयपुर-गुड़गांव हाईवे: टोल बढ़ा, सुविधा वैसी ही
एनएच-48 (पुराना दिल्ली रोड) पर जयपुर से गुड़गांव के बीच भी टोल टैक्स बढ़ा दिया गया है।
- दौलतपुरा, मनोहरपुर और शाहजहांपुर टोल प्लाजा पर:
- कार चालकों को अब ₹15 तक ज्यादा देना होगा
- ट्रक और बड़े वाहनों को ₹80 तक अतिरिक्त भुगतान करना होगा
दिलचस्प बात ये है कि इस रूट पर अभी भी कई जगह निर्माण कार्य चल रहा है और जाम लगना आम बात है। इसके बावजूद टोल की दरें कम करने की बजाय बढ़ा दी गई हैं। इससे वाहन चालकों में नाराज़गी है।
Toll Tax Hike 2025 : क्यों बढ़ाया गया टोल टैक्स?
NHAI के अनुसार, टोल दरों में यह वार्षिक बढ़ोतरी है जो हर साल 1 अप्रैल को लागू की जाती है। दरों में संशोधन मुद्रास्फीति के आधार पर किया जाता है ताकि सड़कों के रखरखाव और नए विकास कार्यों के लिए राजस्व जुटाया जा सके।
आम जनता पर असर
टोल टैक्स में हुई इस बढ़ोतरी का सीधा असर ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक कॉस्ट पर पड़ेगा, जिससे जरूरी वस्तुओं की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। आम आदमी को जहां अपनी जेब से ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे, वहीं राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
विशेषज्ञों की राय
ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब तक सड़कों की क्वालिटी और फ्री-फ्लो ट्रैफिक सुनिश्चित नहीं होता, तब तक इस तरह की बढ़ोतरी से जनता में असंतोष बढ़ेगा। उन्होंने सुझाव दिया है कि टोल दरों को बढ़ाने से पहले जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना जरूरी है।
सरकार का पक्ष
NHAI और केंद्र सरकार का कहना है कि टोल टैक्स से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल सड़कों के रखरखाव, सुरक्षा, ब्रिज निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा। उनका दावा है कि इस बढ़ोतरी से लॉन्ग टर्म में सड़क नेटवर्क में सुधार होगा।
निष्कर्ष: क्या है समाधान?
अगर आप रोजाना नेशनल हाईवे का इस्तेमाल करते हैं तो FASTag का उपयोग कर कुछ रियायत पा सकते हैं। इसके अलावा, लंबी दूरी के ट्रैवल को प्लान करने से पहले टोल चार्ज की अपडेटेड जानकारी जरूर ले लें ताकि आपकी जेब पर अचानक भार न पड़े।
टोल टैक्स की यह बढ़ोतरी एक ओर जहां विकास के नाम पर हो रही है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी की परेशानी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब देखना यह होगा कि बढ़ी हुई दरों के साथ जनता को किस हद तक बेहतर सुविधाएं मिल पाती हैं।