Rajasthan : 120 करोड़ की पाइपलाइन से राजस्थान को मिलेगी सस्ती गैस! ये बड़ा बदलाव आप तक पहुंचेगा कैसे? -जानिए राजस्थान की सबसे बड़ी गैस योजना

Rajasthan CNG-PNG Gas Pipeline Project 2025 : “राजस्थान में 120 करोड़ की लागत से कई जिलों के बीच 83 KM लंबी गैस पाइपलाइन, अब खत्म होगी 675 KM की दूरी, सस्ती और सुरक्षित गैस सप्लाई।”

राजस्थान में गैस क्रांति की नई शुरुआत – अब नहीं होगी 675 KM की परेशानी!

राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, खासकर जोधपुर और पाली जिलों के लिए। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के साझा प्रयासों से अब एक ऐसी परियोजना पर काम शुरू होने जा रहा है, जो राजस्थान में सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) की उपलब्धता की तस्वीर ही बदल देगी। इस योजना के अंतर्गत पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन से जोधपुर के काकानी तक 8 इंच व्यास की 83 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिस पर 120 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

Rajasthan : अब तक गैस कैसे पहुंचती थी?

अभी तक राजस्थान में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति काफी मुश्किल और महंगी प्रक्रिया थी। गैस को 675 किलोमीटर दूर से 12 से 14 क्रायोजेनिक टैंकरों के जरिए लाया जाता था। यह न सिर्फ लागत बढ़ाता था, बल्कि सड़क मार्ग के खतरे और दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती थी। लेकिन अब ये सारी समस्याएं खत्म होने जा रही हैं।

मेहसाना-भटिंडा पाइपलाइन से सीधा जुड़ाव

नई पाइपलाइन को मेहसाना-भटिंडा ट्रंक पाइपलाइन से जोड़ा जाएगा, जिससे पाली जिले के एसवी 4007 स्टेशन मारवाड़ जंक्शन से जोधपुर के काकानी तक प्राकृतिक गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। यह पाइपलाइन GSPPL इंडिया गैसनेट और AG&P की साझेदारी में बनाई जा रही है।

मुख्यमंत्री की पहल और बजटीय सहयोग

राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए यह एक निर्णायक कदम है। सरकार ने CNG और PNG की VAT दरों में दो बार कटौती की है और बजट में ढांचागत विकास को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। साथ ही, घरेलू कनेक्शन बढ़ाने के सालाना लक्ष्य भी तय किए गए हैं।

क्या बदल जाएगा इस प्रोजेक्ट के बाद?

  • घरेलू गैस कनेक्शन तेजी से मिलेंगे
  • CNG स्टेशनों की संख्या बढ़ेगी
  • डिलीवरी लागत कम होगी, जिससे गैस की कीमत घटेगी
  • पर्यावरण अनुकूल और सुरक्षित गैस वितरण प्रणाली बनेगी
  • औद्योगिक और व्यावसायिक उपयोग के लिए आसान आपूर्ति

कौन कर रहा है काम?

इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है GSPPL इंडिया गैसनेट और AG&P को। दोनों कंपनियों ने आपसी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और अब जल्द ही पाइपलाइन बिछाने का कार्य आरंभ होगा।

कितना समय लगेगा?

पेट्रोलियम निदेशक अजय शर्मा के अनुसार, इस 83 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन को बिछाने में 24 से 30 महीने का समय लगेगा। कार्य की गति तेज रखने के लिए राज्य सरकार और संबंधित विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया गया है।

जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर को मिलेगा लाभ

AG&P पहले से ही जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में गैस आपूर्ति के लिए अधिकृत है। अभी तक ये कंपनियां गैस को टैंकरों के जरिए लाती थीं, लेकिन अब पाइपलाइन से गैस सीधे पहुंचेगी। इससे समय, लागत और जोखिम तीनों में भारी कमी आएगी।

ढांचागत विकास को नई रफ्तार

राजस्थान सरकार अब गैस के साथ-साथ डोमेस्टिक PNG कनेक्शन, सीएनजी स्टेशन, और औद्योगिक गैस आपूर्ति के लिए भी मजबूत ढांचा तैयार कर रही है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और हर वर्ग को सुविधा मिलेगी।

क्यों है ये प्रोजेक्ट बेहद खास?

  • देश में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
  • पर्यावरण संरक्षण में सहायक
  • औद्योगिक विकास को बढ़ावा
  • हर घर गैस योजना में बड़ी सहायता
  • सड़क हादसों की आशंका में भारी कमी

निष्कर्ष: राजस्थान के ऊर्जा क्षेत्र में नए युग की शुरुआत

120 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली यह पाइपलाइन राजस्थान के लिए सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि ऊर्जा क्रांति की शुरुआत है। जोधपुर और पाली के लाखों नागरिकों को अब महंगी और जोखिमभरी गैस की जरूरत नहीं पड़ेगी। आने वाले वर्षों में यह योजना राज्य के विकास की दिशा तय करने वाली साबित हो सकती है।


सुझाव:

अगर आप जोधपुर, पाली या आसपास के क्षेत्रों में रहते हैं और CNG या PNG कनेक्शन की योजना बना रहे हैं, तो यह आपके लिए सही समय है। जल्द ही गैस की उपलब्धता न केवल आसान होगी, बल्कि सस्ती और सुरक्षित भी होगी।