Rajasthan : “शादी का नाम सुनते ही कांपने लगते हैं युवक! जयपुर में फैली अजीब बीमारी, डॉक्टर भी हैरान” बढ़ रही मरीजों की भीड़

Rajasthan : भारत में शादी को जीवन का एक अहम पड़ाव माना जाता है। जैसे ही विवाह का शुभ समय आता है, तो लोग धूमधाम से शादी रचाने में जुट जाते हैं। लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक अजीब मानसिक बीमारी ने युवाओं को परेशान कर दिया है। इस बीमारी का नाम है – गैमोफोबिया (Gamophobia)

कुंवारों को डरा रही है शादी! जयपुर में फैली गैमोफोबिया की बीमारी

यह एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को शादी से डर लगने लगता है। नाम सुनते ही पसीने छूट जाते हैं, घबराहट बढ़ जाती है और कभी-कभी पैनिक अटैक तक आने लगते हैं। जयपुर में इस बीमारी के मामलों में अचानक तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है, खासकर उन युवाओं में जो पढ़े-लिखे और अच्छी नौकरी में हैं।

क्या है गैमोफोबिया?

गैमोफोबिया दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है — “Gamos” (जिसका अर्थ है शादी) और “Phobos” (डर)। इसका सीधा मतलब हुआ “शादी से डर”। यह कोई मामूली डर नहीं, बल्कि एक गंभीर मानसिक स्थिति है, जो व्यक्ति की निजी और सामाजिक ज़िंदगी को प्रभावित करती है।

जयपुर में क्यों बढ़ रहे हैं गैमोफोबिया के केस?

राजधानी जयपुर के जाने-माने मानसिक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में गैमोफोबिया के मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। खासतौर पर IT प्रोफेशनल्स, सरकारी अफसर, और निजी कंपनियों में काम करने वाले युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं।

कारण क्या हैं?

  1. अत्यधिक ज़िम्मेदारी का डर: शादी को भारतीय समाज में एक बड़ा जिम्मेदारी भरा फैसला माना जाता है। कई युवाओं को लगता है कि शादी के बाद उनकी स्वतंत्रता छिन जाएगी।
  2. कमिटमेंट से डर: आज की पीढ़ी अपने करियर और निजी स्पेस को अधिक महत्व देती है। उन्हें लगता है कि शादी एक बंधन है जिससे उनका विकास रुक जाएगा।
  3. बुरे अनुभव: घर में माता-पिता के झगड़े, तलाक, या रिश्तों में कलह भी युवाओं को डरावने अनुभव दे सकते हैं, जिससे वे शादी से कतराते हैं।
  4. सोशल मीडिया और अवास्तविक अपेक्षाएं: Instagram जैसे प्लेटफॉर्म पर दिखने वाली ‘परफेक्ट कपल’ की तस्वीरों से भी कई लोग मानसिक दबाव में आ जाते हैं।

गैमोफोबिया के लक्षण क्या हैं?

जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के मनोचिकित्सकों के अनुसार, गैमोफोबिया के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • शादी की बात चलते ही पसीना आना
  • तेज़ धड़कन या घबराहट
  • चिंता या डरावने सपने
  • पैनिक अटैक
  • सामाजिक आयोजनों से दूरी बनाना
  • किसी रिश्ते को आगे बढ़ाने से इंकार

इलाज संभव है!

डॉक्टरों का कहना है कि गैमोफोबिया का इलाज पूरी तरह संभव है। इसके लिए काउंसलिंग, कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (CBT), और ज़रूरत पड़ने पर दवाइयों का सहारा लिया जाता है।

एक्सपर्ट की सलाह:

  • इस बीमारी को हल्के में ना लें।
  • समय पर मनोचिकित्सक से संपर्क करें।
  • खुद को समझें और मानसिक तौर पर मजबूत बनाएं।

कौन लोग ज्यादा प्रभावित?

विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे ज्यादा केस 28 से 35 वर्ष की आयु के लोगों में देखे जा रहे हैं। खासकर वो लोग जो:

  • उच्च शिक्षित हैं
  • अच्छी सैलरी पा रहे हैं
  • आत्मनिर्भर और स्वतंत्र सोच वाले हैं
  • शादी की जल्दबाजी से घबराते हैं

समाज को समझने की ज़रूरत

समाज में अक्सर शादी को लेकर अत्यधिक दबाव होता है। लेकिन सभी के लिए यह फैसला एक जैसा नहीं होता। गैमोफोबिया एक मानसिक बीमारी है और इससे जूझ रहे लोगों को “जिद्दी”, “घमंडी” या “कमिटमेंट फोबिक” कहना उनकी स्थिति को और बदतर बना सकता है।

हमें चाहिए कि हम मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें और ऐसे युवाओं को समझें, उनका साथ दें।

निष्कर्ष :

जयपुर में गैमोफोबिया का बढ़ना एक चिंताजनक संकेत है कि हमारी युवा पीढ़ी मानसिक रूप से कितनी चुनौतियों से जूझ रही है। शादी एक पवित्र बंधन है, लेकिन जब यह डर का कारण बनने लगे, तो इलाज और जागरूकता की ज़रूरत है।

अगर आप या आपका कोई जानने वाला भी शादी को लेकर असामान्य डर या चिंता महसूस करता है, तो उसे डॉक्टर से मिलने की सलाह दें। समय रहते इलाज मिलने पर जिंदगी फिर से खुशहाल हो सकती है।